प्राचीन काल से ही मानव जाति में एक शासन व्यवस्थाएं रही है जिसमें विभिन्न प्रकार की शासन अपनाया गया था पर मानव जाति के विभिन्न प्रकार की शासन व्यवस्थाओं में से प्रमुख प्रजातंत्र विश्व की सबसे अच्छी शासन प्रणाली मानी जाती है, जिससे मानव जाति के राजनीतिक विकास का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । अब सवाल यह है कि प्रजातंत्र क्या है यह एक ऐसी शासन व्यवस्था से है जिसमें किसी राज्य की जनता के द्वारा चुने गए एक व्यक्ति जो उस राज्य को संचालन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य राज्य की संपूर्ण शक्ति का स्वामी कोई व्यक्ति समूह या वंश नहीं होकर केवल राज्य का जनता से है।अतः जनता की सहभागिता प्रजातंत्र का मूल आधार है ।

प्रजातंत्र के शुरुआती समय में सीमित जनसंख्या एवं क्षेत्रफल वाले राज्य में शासन नियंत्रण के लिए राज्य के लोग स्वयं ही संचालन संबंधी निर्णय लेने के लिए सह-भागी होता था , इसके कारण सीमित क्षेत्रफल एवं छोटे राज्यों में प्रजातंत्र का व्यवहार होने लगा। प्रत्यक्ष प्रजातंत्र की शुरुआत यूनान के नगर राज्यों से आरंभिक हुआ था । वर्तमान समय में राज्य उनके विस्तार एवं जनसंख्या की दृष्टि से बड़े होने के कारण जनता के द्वारा प्रत्यक्ष शासन संभव नही था । परिणामस्वरूप ,अप्रत्यक्ष रूप से जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है और इसके माध्यम से शासन व्यवस्था एवं उनकी शक्ति का उपयोग करती है। वर्तमान में प्रजातंत्र को अप्रत्यक्ष रूप से , प्रजातंत्र की जन प्रतिनिधियों के नेतृत्व के द्वारा संचालित होता है
आज हम प्रजातंत्र के बारे में जानेंगे :- प्रजातंत्र की अर्थ ,परिभाषा , प्रकार एवं विशेषताएं।
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प्रजातंत्र का अर्थ (Meaning of Democracy)
प्रजातंत्र का अर्थ शासन की ऐसी प्रणाली से है जिसमें जनहित सर्वोपरि हो , इसमें ‟ लोकतंत्र सरकार ” जनता की भलाई को प्राथमिकता दें । प्रजातंत्र केवल एक शासन प्रणाली तक ही सीमित नहीं है यह समाज और राज्य का स्वरूप भी है । अतः यह तीन प्रकार के मिश्रण से बना है समाज , राज्य एवं शासन। प्रजातंत्र को हम तीनों का मिश्रण भी कह सकते हैं ।
- लोकतंत्र समाज के रूप में एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था है जिसमें विचारों में समानताएं एवं प्रबल व्यवहार हो ।
- लोकतंत्र राज्य के रूप में जनता का शासन करने , प्रतिनिधियों को नियंत्रण करना एवं उसे हटाने की क्षमता से है ।
प्रजातंत्र में विकास के समान अवसर सभी को प्राप्त हो तथा व्यक्तित्व की गरिमा का समान मूल्य हो । यह आधारित है स्वतंत्रता सामंजस्य एवं समरसता के पूर्वधारणा पर। प्रजातंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है ‟ प्रजा और तंत्र ” प्रजा का आशय जनता से और तंत्र का मतलब शक्ति से है ,इस तरह जनता की शक्ति प्रजातंत्र है । प्रजातंत्र का अंग्रेजी भाषा Democracy है जो यूनानी के शब्दों से बना है ‟ Demos (जनता) + Cratil (तंत्र) ”।
प्रजातंत्र का अभिप्राय एक ऐसी प्रणाली से है जिसमें जनता के पास ‟ शासन की शक्ति ” एवं ‟ शासन का संचालन ” जनता स्वयं करती है। प्रत्यक्ष रुप से शासन का संचालन स्वयं जनता कर सकती हैं या अप्रत्यक्ष रूप में अपनी प्रतिनिधियो को चुनकर उस के माध्यम से करती है इसे प्रजातंत्र या जनतंत्र कहा जाता है।
प्रजातंत्र की परिभाषा (Definition of Democracy)
प्रजातंत्र शासन का एक रूप है जिसमें जनता शासकों का चुनाव करती है। इस परिभाषा के अनुसार शासक कौन है ? शासक जनता द्वारा चुने गए एक प्रतिनिधि है । उदाहरणों के जरिए हमने शासन के एक तरीके के रूप में लोकतंत्र की चार विशेषताओं को रेखांकित किया है। इसके अनुसार लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें :-
- लोगों द्वारा चुने गए शासक ही सारे प्रमुख फैसले करते हैं ;
- चुनाव लोगों के लिए निष्पक्ष अवसर और इतने विकल्प उपलब्ध कराता है कि वे चाहे तो मौजूदा शासकों को बदल सकते है ;
- यह विकल्प और अवसर सभी लोगों को समान रूप से उपलब्ध हो ;
- इस चुनाव से बनी सरकार संविधान द्वारा तय बुनियादी कानून और नागरिक अधिकारों के दायरे को मानते हुए काम करती है।
भारत में लोकतंत्र की स्थापना 26 जनवरी 1950 मैं हुआ था और किसका जनक है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर है ।
विभिन्न विद्वानों ने प्रजातंत्र की परिभाषा इस प्रकार दी है:-
- अरस्तू ने प्रजातंत्र को बहुतों का शासन कहा है ।
- अब्राहम लिंकन ने प्रजातंत्र को ” जनता का , जनता द्वारा और जनता के लिए शासन” कहा है ।
- डायरी के अनुसार प्रजातंत्र शासक समुदाय संपूर्ण राष्ट्र का अपेक्षाकृत बड़ा भाग हो ।
प्रजातंत्र के प्रकार (Types of Democracy)
साधारण: प्रजातंत्र दो प्रकार का होता है प्रत्यक्ष प्रजातंत्र और अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र या प्रतिनिधि मूलक प्रजातंत्र।

प्रत्यक्ष प्रजातंत्र ( Direct Democracy) :-
जब किसी सार्वजनिक विषयों पर राज्य के निवासी प्रत्यक्ष रूप से विचार विमर्श स्वयं करती है तथा नीतियों का निर्धारण एवं विधि निर्माण प्रत्यक्ष रूप से करती है तो ऐसी शासन को प्रत्यक्ष प्रजातंत्र कहते हैं। प्रत्यक्ष प्रजातंत्र छोटे आकार एवं अल्प जनसंख्या वाले स्थानों में उपयोगी होता है। यह पद्धति केवल वही व्यवहारिक है जहां लोगों की सीमित संख्या है उदाहरण :- आदिवासी परिषद या एक सामुदायिक संगठन या फिर किसी श्रमिक संघ की स्थानीय इकाई , जहां सभी सदस्य एक वर्ग में एकत्र होकर विभिन्न मुद्दों परिचर्चा कर सकें या बहुमत से निर्णय ले सके। इसका प्रचलन अधिकतर भारत के पंचायत के ग्राम सभाओं में होता है
अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र ( Indirect Democracy ):-
जब किसी प्रतिनिधियों को चुनकर जनता उन के माध्यम से शासन के कार्यों एवं प्रतिनिधि के द्वारा विधि निर्माण किया जाता है तो उसे अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र कहते हैं । वर्तमान में विशाल एवं जटिल समाज में प्रत्यक्ष लोकतंत्र की संभावनाएं बहुत कम हो चुकी है अभी सभी स्थानों पर सामान्यत: प्रत्यक्ष प्रजातंत्र ही होता है चाहे वह 10000 की जनसंख्या वाले एक शहर हो या फिर 5 करोड़ वाले कोई राष्ट्र। इसमें सार्वजनिक हित के लिए कानून बनाने , कार्यक्रमों को लागू करने एवं राजनीतिक निर्णय लेने के लिए नागरिक अधिकारियों को चुनते हैं।
प्रजातंत्र की विशेषताएं (Features of Democracy )
प्रजातंत्र (Democracy) एक राजनीतिक प्रणाली है जिसमें राज्य का सत्ताधिकार जनता के हाथ में होता है और लोगों के चयन द्वारा सरकार का नेतृत्व होता है। प्रजातंत्र की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- चुनावी प्रक्रिया: प्रजातंत्र में चुनावों का आयोजन किया जाता है, जिसमें नागरिक अपने पसंदीदा प्रतिनिधि चुनते हैं। चुनावों के माध्यम से लोग सरकार को चुनते हैं और नयी सरकार का नेतृत्व होता है।
- जनाधिकार: प्रजातंत्र में जनता को विभिन्न अधिकार और स्वतंत्रता मिलती है, जैसे कि भाषण, धर्म, और विचार की स्वतंत्रता।
- विभाजन और संतुलन: प्रजातंत्र में सरकार की शक्ति विभिन्न संसदीय, संविधानीय, और सीमांत संरचनाओं में विभाजित होती है, जो संतुलन और संरक्षण प्रदान करते हैं।
- सामान्यत: प्रजातंत्र में सभी नागरिकों के सामान्यता और समान अधिकार होते हैं, जिसका मतलब है कि कोई व्यक्ति या समूह सरकार के सामने बराबर होता है।
- सरकार की खातिमा: प्रजातंत्र में सरकार का समय सीमित होता है और चुनावों के माध्यम से नई सरकार बनती है, जिससे सरकार की जानकारी, जवाबदेही, और खातिमा बनी रहती है।
- मीडिया की स्वतंत्रता: प्रजातंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता होती है, जिससे लोगों को सरकारी निर्णयों की जानकारी मिलती है और वे स्वतंत्र रूप से अपनी राय और विचार व्यक्त कर सकते हैं।
- क़ानूनी बनावट: प्रजातंत्र में क़ानूनी प्रक्रिया और संविधान का पालन किया जाता है, जिससे सरकार की संविधानिकता और विधिकता बनी रहती है।
- न्यायिक निर्णय: प्रजातंत्र में न्यायिक प्रक्रिया द्वारा न्याय दिलाने की स्वतंत्रता होती है, जिससे न्यायिक निर्णय सरकारी प्रशासन से अलग होते हैं।
प्रजातंत्र के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रणालियाँ हो सकती हैं, जैसे कि पार्लियामेंटरी प्रजातंत्र, संघीय प्रजातंत्र, और प्रतिनिधि प्रजातंत्र, जो देश के संरचना और संविधान के आधार पर विभिन्न हो सकते हैं। इन विशेषताओं के साथ, प्रजातंत्र एक जनता की साझा इच्छा और प्रतिभूति के रूप में लोगों की सशक्तिकरण का माध्यम भी हो सकता है।
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